सेल्फ ड्राइविंग कार क्या है? (self driving car in hindi)
Self driving कार एक तरह का Vehicle है जो की from one place to another जाने के लिए बहुत सारे The sensors को इस्तेमाल करता है जैसे की camera, radar और artificial intelligence आदि। इसको पूरा सही से चलाने और बिना किसी आदमी की मदद से जब यह चलती है तभी यह गाड़ी सही मानी जाती है।
कई compania स्वयं चलने वाली कारों को test भी कर रही है और बना भी रही है। उनमे हैं Audi, BMW, Ford, Google, General Motors, Tesla और Volvo, Google self-driving cars test करता है जिनमे है Toyota की प्री और Audi TT जो की 140,000 Miles चलायी गयी है California की गलियों मे test करने के लिए।
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सेल्फ ड्राइविंग कार के Level (levels of self driving car in hindi)
United States National Highway Traffic Safety Administration (NHTSA) ने इसको चलाने के लिए 6 Level रखे हैं जो की ज़ीरो से चालू होती है जिसमे लोगो के Driving करने से लेकर Driver Assistant Technology to Self Driving Car तक है।
Level 0 – इसमे लोग Driving करते है।
Level 1 – Advanced Driver Assistance System (ADAS) Steering, braking and accelerating human driver आदि को मैनेज करता है। ADAS Rear view camera and vibrating seat आदि की चेतावनी Driver को देता है जिससे की खाली लेन पर Driver तेज़ नहीं चलाये।
Level 2 – ADAS car को रास्ते पर लाने का काम भी करती है और The break और accelerate करने का काम भी करती है जिससे की driver चेत रहे और ड्राइविंग पर पूरा ध्यान रखे।
Level 3 – Obsolete driving system (ODS) यह सारे Driving वाले काम कुछ परिस्थितियों में करता है जैसे की कार पार्क करना आदि। इसमे driver को थोड़ा ध्यान रखना होता है की गाड़ी सही से park हो जाए और driver को थोड़ा संभालना भी पड़ता है।
Level 4 – ADS सब तरह के Driving के काम करता है जैसे की कुछ परिस्थितियों में Driving के वातावरण को देखना इस तरह के ADS The system में Human driver को ध्यान रखने की कोई जरूरत नहीं होती।
Level 5 – इस लेवल में ADS खुद ही हर परिस्थिति में Driving करता है और car को चलाता है। जो लोग उस कार में बैठे होते हैं उन्हे केवल The passengers की तरह बैठा रहना होता है और उन्हे Vehicle चलाने की जरूरत नहीं होती।
अब 2018 तक car बनाने वाले Level 3 तक ही पहुंचे हैं। Self driving car कुछ ही सालों में हमारी रोडों पर होगी क्योंकि कार बनाने वाली कंपनीयाँ इस पर बड़ी ही Power से काम कर रहीं हैं। वह दिन दुर नहीं जब लोग Self driving car में घूमेंगे और मज़े करेंगे।
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Self driving car कैसे चलती है? (working of self driving car in hindi)
Artificial Intelligence Technology की मदद से Self driving कारें चलती हैं। जो Self driving कार बनाने वाले Developers होते हैं वह बहुत सारे Data को Image Recognition Systems, Machine Learning, and Neural Networks से खुद चलने वाली कारों को बनाते हैं। Neural network data में Patterns को देखते हैं जो की Machine learning algorithm में काम आते हैं। जो Data होता है उसमे Self driving कार में से Camera की images जिससे की Neural Networks चलता है और Traffic lights, पेड़, रास्ते में चलने वाले लोग, गली के निशान और driving में काम आने वाले सभी चीजों की photo होती है।
Google की self driving कार के project को Vaymo कहा जाता है। यह sensors की मदद से आस पास चल रही चीजों को समझता है और self driving car चलाने में मदद करता है जिससे की कोई accident नहीं हो और यह कार सही से चल सके बिना किसी रुकावट के। यह काम बहुत ही तेज़ी से होता है और प्रभावी भी है। यह जितना drive करेगा उतना ही यह सही से चल पाएगा और उतने ही प्रभावी तरीके से यह चल